गलगल का खट्टा मीठा अचार | Galgal ka Achar | Hill Lemon Pickle Recipe | निम्बू का आचार

गलगल (galgal) जिसे पहाड़ी नींबू या बड़ा निम्बू और पहाड़ों में खट्टा या खटाई भी कहा जाता है एक पारंपरिक भारतीय अचार है जो पहाड़ी क्षेत्रों में बनाया जाता है। यह आचार बहुत ही स्वादिष्ट होता है हल्का मीठा और खट्टा। गलगल (galgal) निम्बू खट्टा और आकार में निम्बू से बड़ा होता है , हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और अन्य हिमालयी क्षेत्रों में अधिक पाया जाता है। यह विटामिन-C से भरपूर होता है।

पहाड़ी नींबू (galgal) के अचार को बनाने के लिए आपको गलगल को छोटे टुकड़ों में काटेंगे । इसके बाद, गलगल के टुकड़ों को मीठे और तीखे मसालों के साथ मिलाएंगे, जैसे कि काला नमक, गरम मसाले, गुड़ या चीनी और तेल।

galgal ka achar

गलगल (galgal) का अचार चांवल, परांठे, और रोटी के साथ परोसा जाता है और यह अचार मीठे और तीखे स्वाद के लिए प्रसिद्ध होता है। यह अचार पहाड़ी भोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। आज हम सीखेंगे गलगल का खट्टा मीठा अचार बनाना और आप निम्बू का अचार भी इस रेसिपी से बना सकते है।

गलगल (galgal) का खट्टा मीठा अचार बनाने की सामग्री :

गलगल —– 2
तेल —— 200 ग्राम
चीनी ——— 2 चम्मच
लाल मिर्च पाउडर —– 2 चम्मच
नमक —– स्वादानुसार
काला नमक ——- 1 चम्मच
अजवाइन —— 1 चम्मच
काली मिर्च —— 10
मैथी के बीज ——1 टीस्पून (यदि पसंद नहीं हो तो छोड़ भी सकते है)

गलगल (galgal) का खट्टा मीठा अचार बनाने की विधि :

  1. सबसे पहले, गलगल को धोकर अच्छे से साफ कर लें और फिर उन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और बीज अलग कर लें।galgal ka achar | hills lemon pickle
  2. अब इन गलगल के टुकड़ों को एक बड़े बर्तन में डालें और उनमें नमक, चीनी या गुड़ , राई, जीरा, काली मिर्च पाउडर, और रेड चिली पाउडर (अगर आपको आचार तीखा पसंद है तो) डालें।Galgal ka Achar
  3. अब एक कढ़ाई में तेल गरम करें और और तेल को थोड़ा ठंडा होने देंगे (क्योंकि इसमें हम मसालें डालेंगे अगर तेल ज्यादा गर्म होगा तो मसालें जल जायेंगे )। अब तेल में जीरा,काली मिर्च, अजवाइन के बीज, राई और मैथी के बीज तेल में डाल लेंगे।Galgal ka Achar
  4. अब तेल ठंडा हो गया है तो हम अचार से तेल डाल देंगे और आचार को अच्छे से मिक्स करें।Galgal ka Achar
  5. आचार को कांच के डिब्बे या जिस डिब्बे में भी आप रखना चाहते है रख लें और पांच से दस दिन धूप में सुखाएं।Galgal ka Achar
  6. आचार को एक दो दिन में चम्मच से चलाते रहें।गलगल के इस खट्टे मीठे अचार को आप एक साल तक या एक साल से अधिक समय तक आराम से रख सकते है।Galgal ka Achar

गलगल खाने के फायदे :

गलगल (galgal) में विटामिन C का अच्छा स्रोत होता है, जिससे आपके शरीर को विटामिन C की आवश्यकता पूरी होती है। विटामिन C आपकी रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, और यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देता है। गलगल में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जिससे पाचन प्रक्रिया में सुधार हो सकता है। यह पेट से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है और कब्ज़ को दूर कर सकता है।

गलगल कम कैलोरी और फाइबर का स्रोत होता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है। गलगल में विटामिन C, विटामिन A, और फॉलिक एसिड जैसे महत्वपूर्ण विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं।

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