cooking methods | 10 basic type of cooking methods

what is cooking methods ?

cooking methods या cooking techniques खाना पकने की विभिन्न तकनीकों और प्रक्रियाओं को बताता है। जो खाद्य पदार्थों को खाने के लिए तैयार करने में प्रयोग होते हैं। ये तकनीकें भोजन को उचित ताप, उपकरण और प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करके रासायनिक रूप से बदलती हैं, जिससे उन्हें स्वादिष्ट, सुपाच्य और पोषणीय बनाया जाता है।खाना पकाने के तरीके (cooking methods) में बेकिंग, उबालना, ब्रायलिंग, ग्रिलिंग, फ्रायिंग, रोस्टिंग, स्टीमिंग, सॉटे, स्टूइंग, पोचिंग और अन्य तकनीकें शामिल होती हैं। प्रत्येक तकनीक का अपना महत्व होता है और उनसे अलग-अलग स्वाद और संरचना के भोजन तैयार किए जा सकते हैं।

खाना पकाने की बुनियादी विधियां (basic methods of cooking) :

खाना पकाने (cooking methods) की तीन बुनियादी विधि होती है, खाने को सुखी गर्मी से पकाया जाता है ,वसा या तेल के माध्यम से पकाया जाता है और तरल माध्यम या नम गर्मी विधि द्वारा पकाया जाता है। खाना पकाने की सभी विधियां इन तीनो के अंतर्गत आती है। cooking methods हमारे लिए बहुत फायदे मंद होते है। यह हमे भोजन का स्वाद, रंग और पोषक तत्वों को सुरक्षित रखने में मदद करते है और अलग अलग मेथड से हमे अलग अलग स्वाद का अनुभव कराते हैं।

cooking methods

 

10 basic type of cooking methods :

1.boiling (बोइलिंग)               2. poaching (पोचिंग)
3. grilling (ग्रिलिंग)                4. braising (ब्रेजिंग) 
5. frying (फ्राइंग)                  6. roasting (रोस्टिंग)
7. steaming (स्टीमिंग)          8. baking (बेकिंग)
9.broiling (ब्रोइलिंग)           10. Stewing (स्ट्यूइंग)

1.boiling (उबालना)

boiling तरल अवस्था और गैस अवस्था के बीच एक चरण परिवर्तन है। भोजन को पानी या अन्य तरल द्वारा उच्च तापमान (100°c) पर पकाना Boiling है। बोइलिंग खाना पकाने की एक moist method है। Boiling  method मे भोजन को पानी के एक पैन मे डुबोकर खाना बनाना है जिसमे तरल को हमेशा उबलता रहना चाहिए , जिससे सतह पर काफी बुलबुले दिखाई देते है।

चिकन मीट या किसी भी प्रकार के मांस को सीधा उबालना नहीं चाहिए ,ऐसा करने से उसका जूस ख़तम हो जायगा। चिकन मीट या किसी भी प्रकार के मांस boil करने से पहले उसको भूनना या सेकना जरुरी है ,उसके बाद उसे धीरे धीरे उबालना चाहिए जिसे 82°c – 99°c simmering कहा जाता है। उबलने का तापमान 100 °c  है सब्जियों को 100°c पर उबला जाता है। cooking method - Boiling

Basic Rules of boiling :

  1. Boiling करते समय खाद्य पदार्थ पूरी प्रक्रिया में पूरी तरह से डूबे  होने चाहिए।
  2. चिकन मीट या किसी भी प्रकार के मांस में सब्जियां, cooking wine तथा herbs से मीट का स्वाद बढ़ जाता है।
  3. Boiling के समय जो scum (गन्दगी ) निकलती है , उसे हटा देना चाहिए नहीं तो उस से खाने का स्वाद और रंग ख़राब हो सकता है।
  4.  जिस पानी में भोजन को उबाला जाता है उसे pot liquor के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसमें कुछ पोषण और स्वाद होता है इसलिय इसे फेंकना नहीं चाहिए इसे ग्रेवी या सॉस के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।
  5. हरी सब्जियों को तेज़ी से उबालना चाहिए क्योंकि यह हरे रंग बरकरार रखती है और विटामिन तथा खनिज लवणों की अत्यधिक नुकसान को रोकती है। उबालते समय बर्तन को खुला रखना चाहिए।
  6. नए आलू छोडकर, जड़ वाली सब्जियों को उबालने के लिए ठन्डे पानी में रखा जाना चाहिए। यह स्वाद को बेहतर  बनाने में मदद  करता है ,क्योंकि जड़ वाली सब्जियों का तीखा स्वाद निकल जाता है।
  7. Stocks, Sauces and Soup को धीरे धीरे उबालना चाहिए ,तेज़ उबालने पर  scum (गन्दगी ) बर्तन की pot liquor (पानी ) में मिल सकता है।

 

2. Poaching (पोचिंग)

Poaching (पोचिंग) खाना पकाने की एक नम (moist method) विधि है, इसमें अंडे तथा मछली जैसे पदार्थो को पानी ,सब्जी स्टॉक ,वाइन या दूध जैसे तरल में डुबोकर पकाया जाता  है Boiling और Poaching दोनों ही विधि में हम पदार्थो  उबालते है लेकिन Boiling करते वक्त तापमान को बढ़ाया भी जा सकता है हमारा ध्यान बस आइटम उबालने पर होता है। आमतौर पर poaching method में अंडे, मछली तथा फलो को ही पकाया जाता है।

वहीं Poaching (पोचिंग) में  ध्यान दिया जाता है की जिस चीज  को हम Poach कर रहे  हैं उसकी शेप और न्यूट्रिएंट्स वेल्यू सामान रहे, उदहारण के लिए – अगर  मछली के पीस को Poach कर रहे हैं तो हम इन्हे तेज गर्म पानी में नहीं डालेंगे नहीं तो ये टूट जायँगे या बिखर जायँगे। इसीलिय पोचिंग में पानी के तापमान का खास ध्यान देना पड़ता है। पोचिंग का तापमान बोइलिंग पॉइंट से थोड़ा कम होता है। अगर बोइलिंग तापमान 100 डिग्री सेल्सियस है तो पोचिंग का तापमान 90 – 95 डिग्री सेल्सियस के बीच होगा।

Method of Cooking Poaching

Basic rules of poaching:

  1. खाद्य पदार्थो को तरल में पूरी तरह से डुबोया जाना चाहिए।
  2. जैसे ही खाद्य पदार्थ के साथ तरल उबलना शुरू हो जाता है,आंच कम करे।
  3.  अगर आप पूरी मछली poach कर रहे है तो उसको थोड़ा ठन्डे तरल में डालना चाहिए।
  4. अगर आप कटी हुई fish डाल रहे तो उसको गरम तरल में भी डाल सकते है।
  5.  Poach egg के लिए आपको पानी को एक बार boil कर लेना चाहिए उसके बाद में आँच कम कर लेना चाहिए और एक बार में एक ही egg बर्तन में डालें।
  6. Egg को poach करने के लिए तरल में vinegar और salt जरूर डालें ये egg को टूटने से बचाएगा।
  7.  Poaching के लिए हमेशा fresh egg ही इस्तेमाल करे।

Advantages

  1. पोचिंग विधि में तरल पदार्थो के रूप में विभिन्न प्रकार के तरलो का उपयोग किया जा सकता है जैसे – स्टॉक, वाइन, दूध, सूप।
  2. भोजन अधिक पाचन योग्य हो जाता है।
  3. उच्च प्रोटीन वाले पदार्थो के लिए  poaching अत्यधिक उपयुक्त method है जैसे – मछली,अंडे ।

   Disadvantages

  1. poaching में निरंतर ध्यान देने की आवश्यकता है।
  2. poaching भोजन के बड़े टुकड़ो के लिए उपयुक्त नहीं है।
  3. भोजन के कुछ स्वाद और पोषक तत्वों को नुकसान होता है।

3.grilling (ग्रिलिंग)

grilling (ग्रिलिंग) method द्वारा खाना पकाने की शुरूआत सालो पहले हुयी थी, जब मांस को पहली बार खुली आग के पास या उसके ऊपर रखा गया था। यह वर्षो से सबसे आधुनिक गैस, इलेक्ट्रिक ग्रिल और इंफ्रारेड मॉडल में तेजी से आगे बड़ा है। Grilling खाना पकाने Dry विधि है। इस विधि में हम खाना बनाने के लिए Heat को भोजन के ऊपर या नीचे दोनों में रखकर पका सकते है। इसमें तेज़ Heat का उपयोग होता है।Grilling के द्वारा Meat और सब्जियों को बहुत जल्दी पकाया जाता है।

 

grilling में heat के लिए charcoal (कोयला ), गैस या बिजली का इस्तेमाल किया जाता है। एक authentic (वास्तविक) ग्रिल में Heat ग्रिल के नीचे होती है और अगर Heat का स्रोत ग्रिल बार के ऊपर होता है तो grilling उपकरण को Salamander कहा जाता है। grill bars साफ और उसमे तेल लगा होना चाहिए नहीं तो grill bars में जंग लग जायगा और खाना चिपक जायगा।

आमतौर पर छोटी वस्तुओं को ग्रिल किया जाता है मांस को काटा जाता है और उसे salt और black pepper साथ तेल के साथ दोनों तरफ ब्रश करें। फिर meat को ग्रिल बार पर ग्रिल किया जाता है आधा पकने पर पलट दिया जाता है और लगातार थोड़ी-थोड़ी देर में तेल लगाकर ब्रश किया जाता है और जिस डिग्री तक जरुरत हो उतना ही पकाया जाता है। तेज़ heat मांस के कटे हुए सिरों को सील कर देती है और सतह को भूरा (brown) कर देती है ताकि मांस में सभी रस बने रहे।

Basic Rules of grilling :

  1. Grilling के लिए meat/ vegetable आकर में छोटे, चपटे और उच्च गुणवत्ता वाले होने चाहिए।
  2. आप जो भी बना रहे हो वो मीट या वेजटेबल को मेरिनेट होना चाहिए।
  3. Grill एक बार में meat को सील करने के लिए heat तेज़ होनी चाहिए और meat में कलर आना चाहिए , जिससे meat के रस को सील किया जा सके।
  4. Grill bars को हमेशा साफ और तेल लगा कर रखना चाहिये।

advantages of grilling:

  1. जब आप किसी मीट को पेन में बनाते है तो मीट का फैट उसी बर्तन में मिक्स या रह जाता है जबकि grill करने से मीट का एक्स्ट्रा फैट मीट से हट जाता है जिस से ये खाना पकाने का healthier तरीका बन जाता है
  2.  समय और मेहनत बचाएं: ग्रिलिंग का एक और फायदा यह है कि आप बहुत समय और मेहनत बचाएंगे। ग्रिलिंग की तुलना में स्टेक या चिकन जैसे स्वस्थ भोजन पकाने में बहुत समय लगता है।
  3. Grilling आपके भोजन को अधिक स्वाद प्रदान करता है। जब आप ग्रिल पर पकाई हुई कोई चीज खाते हैं, तो आपको तुरंत खाने का असली स्वाद महसूस होगा। उपयोग किए गए मसाले आपको भोजन करते समय सबसे अच्छा अनुभव देगा।
  4.  इन फायदों के अलावा, खाना पकाने के अन्य तरीकों की तुलना में ग्रिलिंग भोजन तैयार करने का एक बेहतर तरीका है। खाना पकाने के अधिकांश तरीकों जैसे रोस्टिंग या बेकिंग के लिए बहुत अधिक तैयारी के समय की आवश्यकता होती है।

4.braising (ब्रेजिंग)

braising (ब्रेजिंग) खाना पकाने की एक विधि है इसे रोस्टिंग(roasting) और स्टूइंग की एक संयुक्त विधि कहा जाता है ।जिसमें खाने को सुखी गर्मी और नम गर्मी दोनों तरीको से पकाया जाता है।पहले खाने को भूरा करने के उच्च तापमान पर पकाया जाता है और फिर उसमे तरल डालकर धीमी आंच पर लम्बे समय तक पकाया जाता है। यह विधि अधिकतर मांस, पोल्ट्री और सब्जियों को नरम और स्वादिष्ट बनाने के लिए इस्तेमाल की जाती है।

braising  कैसे करते है ?

मांस को पहले marinate कर के उसकी अपनी चर्बी या तेल में भूना जाता है। भुनने के लिए आप meat को ग्रिल कर सकते है यह meat के रोमछिद्रो को बंद कर देता है और इस प्रकार meat में रस बरकरार रहता है। meat को सील करना जरुरी है नहीं तो meat अंदर से ड्राई हो सकता है अब दूसरे में बर्तन ले जिसमे आप meat braising करंगे।

फिर इसमें herbs, leeks, celery, carrot, garlic, onion या जो भी vegetable आप डालना चाहते है और स्टॉक और वाइन, मसाले डाल कर meat को रखा जाता है अब इसमें दक्कन लगाकर इसे गैस या ओवन में धीरे धीरे पकने दिया जाता है। जब यह लगभग पूरा हो जाता है तो दक्कन हटा दिया जाता है यह प्रक्रिया हेमशा एक सामान रंग पाने के लिए ओवन में की जाती है। उपरोक्त विधि ब्रेज़िंग की मूल विधि है।

BRAISING 

basic rules of braising:

  1. भुनने से पहले खाद्य पदार्थो, मांस को सामान रूप से मैरीनेट हुए होने चाहिए।
  2. ताज़ा वेजिटेबल और हर्ब्स को meat के बिस्तर के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। (meat को vegetable के ऊपर रखना चाइये )।
  3. ब्रेज़िंग धीरे – धीरे की जानी चाहिए ताकि आइटम और तरल के बीच स्वाद के आदान – प्रदान को सक्षम किया जाता है।
  4. ब्रेज़िंग में ओवन का temperature कम होना चाहिए।
  5. मीट को ब्रेज़िंग करने के बाद बर्तन में बचे हुए तरल को sauce के रूप में उपयोग करना चाहिए क्योंकि उसमे सभी flavor मौज़ूद होते है।

Advantages of braising:

  1. यह भोजन अधिक स्वादिष्ट बनता है।
  2. स्वादिष्ट भोजन बनाने की एक किफायती विधि है।
  3. braising cooking method में हमे एक ही बर्तन की आवश्यकता होती है इसमें ज्यादा बर्तनो का उपयोग नहीं होता है।

5. Frying (तलना)-

Frying (तलना) खाना पकने की एक विधि है जिसमे खाने को गर्म तेल या वसा के साथ पकाया जाता है यह खाने को स्वादिष्ट और रंग देता है। भोजन को तलने के लिए उसे पर्याप्त उच्च तपमान पर तेल या वसा में डुबोया जाता है।

frying का उपयोग खाने को crisp, crunchy टेक्सचर देने के लिए किया जाता है तलने से नरम और कोमल खाद्य पदार्थो का स्वाद बढ़ जाता है क्योंकि तलने से इनमे एक कुरकुरी बनावट बन जाती है। तलना, भुनने के सामान ही भोजन को दो बार पलट कर पकाया जाता है। तलने से भोजन जल्दी पक जाता है।

 frying कितने प्रकार की होती है? (types of frying)

मुख्यत frying दो प्रकार का होता है –

  1. deep frying (गहरा तलना)
  2. shallow  frying (उथला तलना )

1. deep fry (गहरा तलना ) –

यह तलने का त्वरित तरीका है और भारतीय व्यंजनों यह एक लोकप्रिय तरीका है। डीप फ्राइंग में भोजन को पूर्ण रूप से वसा या तेल में डुबोया जाता है। deep -fryer के लिए होल्डिंग तापमान रेंज 90°C-110°C है। चूँकि भोजन को गरम तेल में डुबोया जाता है इसलिए यह आवश्यक है की तेल अच्छी quality का हो, फ्राइंग पेन में पर्याप्त गहराई होनी चाहिए। तले जाने वाले भोजन का साइज और शेप एकसमान होना चाहिए।

deep frying से भोजन की कैलोरी और वसा की मात्रा बढ़ जाती है इसलिए जो व्यक्ति किसी बीमारी का शिकार है उसके लिए इसे खाना चिंता का विषय है लेकिन स्वस्थ व्यक्ति को चिंता करने की जरुरत नहीं है कभी कभी फ्राइंग खाने से कोई समस्या नहीं है। कुछ तले हुए खाद्य पदार्थ – चिकन और मटन कटलेट, पकौड़े, कचौरी, समोसे, मच्छी के पकोड़े आदि।

Deep fry

 

2. shallow fry (उथला तलना )-

shallow  frying में भोजन को पैन में फ्राई किया जाता है। इसमें भोजन को कम मात्रा में वसा या तेल में पकाया जाता है। यह आमतौर पर यह विधि मछली, मांस और पोल्ट्री जैसी अच्छी गुणवत्ता वाली वस्तुओं को तलने के लिए प्रयोग की जाती है। presentation side को हमेशा पहले तलना चाहिए और फिर पलट देना चाहिए दोनों सतह सामान रूप से तलकर भूरे रंग केहोने चाहिए।

इस विधि में तेल या वसा का इस्तेमाल एक ही बार होता है bacon और sausages के लिए shallow  frying में वसा या तेल का बहुत कम उपयोग किया जाता है क्योंकि इसमें पहले से ही वसा होता है, इसलिए अतिरिक्त वसा न डालें। शोलो फ्राई हुए पदार्थ – मछली केक, मेडेलन अंडे, परांठे, डोसा, चीला, आलू की टिक्की आदि हैं।

shallow fry

basic rules of frying 

  1. वसा इतना गर्म होना चाहिए की वह वस्तुओं के outside को seal कर दे। यह भोजन को किसी भी वसा अवशोषित करने और स्वाद के किसी भी नुकसान से रोकता है। इस नियम का अपवाद dauphine, Chamonix आलू को तलने के लिए है जिसके लिए तपमान 145 डिग्री सेल्सियस है ताकि खाना बनाते समय आकार में धीमी गति से विस्तार हो सके। तलने का तापमान 160डिग्री सेल्सियस से 195 डिग्री सेल्सियस तक भिन्न होता है।
  2.  आलू को छोड़कर बाकि सभी चीज़ो में फ्राई करने से पहले बाहर से अंडा , मैदा या bread crumbs से cover किया जाता है। यह जूस को बाहर आने से रोकता है।
  3. जो भी आप फ्राई कर रहे है उसे एक साथ बहुत ज्यादा तेल में नहीं डालनी चाहिए इससे तेल का तापमान कम हो जाता है जिससे जो भी आप फ्राई कर रहे है वो गीली हो जाएँगी या टूट जाती है।
  4.  तली हुयी चीज़ो का एकसमान भूरा या सुनहरा रंग होना चाहिए।
  5.  तलने के बाद अच्छे से छान लेना चाहिए और छानकर एक बार नैपकिन पर रखें।
  6. तलने के बाद तेल को छानकर ठंडी जगह पर रखें।
  7.  तलने के लिए इस्तेमाल किये गए तेल को दुबारा उपयोग में लाने के लिए 1:2 नया ताज़ा तेल का उपयोग करें।
  8. तली हुयी वस्तुओं में सामान रंग और एकसमान तापमान के लिए तलने वाली frying basket का उपयोग करें।

6. Roasting (रोस्टिंग)

Roasting खाना पकने की एक बहुत पुरानी विधि है Roasting वास्तव में मीट के बड़े टुकड़ो को पकने के लिए उपयोग की जाती है Roasting में सुखी गर्मी में खाना पकाया जाता है जहाँ गर्म हवा भोजन को घेर लेती है Roasting की विधि मूल रूप से मांस के बड़े टुकड़ो को पकने के लिए शुरू की गयी थी। Roasting का उपयोग भोजन के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है क्युकी Roasting से भोजन की सतह पर केरामेलाइजेशन और ब्राउनिंग होती है जिससे डिश का स्वाद बढ़ जाता है।

प्राचीन समय में जब मानव मांस खाना शुरू किया था तो बर्तन तो रहते नहीं थे तो वह मांस को सीधे आग में डालकर भूनकर खाने लगा। भुनने से भोजन का स्वाद, सुगन्ध और रंग बहुत ही अच्छा होता है। Roasting विधि में मांस के टुकड़ो या सब्जियों आदि को खुली लौ में रख कर या पैन में ढककर धीरे-धीरे पकाया जाता है जब तक वह पूरी तरह से भूरा नहीं हो जाता। यह विधि मांस को पकने के लिए सही मानी गयी है लेकिन इसमें सब्जियों और मछली को भी पकाया जा सकता है।

roasting

type of roasting भुनने की विधियां जो प्रचलित है –

1. pot roasting

2.  oven roasting

3. spit roasting

4. tandoori roasting

1. pot roasting –

पॉट Roasting में खाने को बर्तन में ढककर या पैन में रखकर Roast किया जाता है। इसमें केवल अच्छी गुणवत्ता वाले मांस का ही प्रयोग करना चाहिए। छोटे टुकड़ो और birds का ही इस्तेमाल करना चाहिए। आकर बनाये रखने के लिए मांस या bird को बंधा जाता है। मांस को चिपकने से रोकने के लिए उसे मोटे तल वाले बर्तन में रखा जाता है। वसा से पैन के तल को ढंकना चाहिए बर्तन को अच्छे से ढक लें और धीमी आंच पर पकाये।

इसमें खाना पकने के ठीक पहले ढक्कन को हटा दिया जाता है ताकि भाप निकल जाये और सुखी गर्मी खाने को रंग दे। मीट को निकालने के बाद जो उसमे तरल बच जाता है उसमे स्टॉक डालें ताकि सुगन्धित सब्जियों का स्वाद मिल जाए और साथ में आने वाली चटनी या ग्रेवी का आधार बन जाए, जिसे jus (जूस) कहा जाता है।

2. oven roasting

ओवन Roasting विधि खाना पकाने की सरल विधि माना गया है। इस विधि में वसा और प्रथम श्रेणी के मांस की सहायता से ओवन में Roasting ट्रे में खाना बनाना है। आकर बनाये रखने के लिए कच्चे मांस को काटकर बांध दिया जाता है इसे गर्म वसा में डाला जाता है और भूरा किया जाता है। बाद में नमक छिड़का जाता है।

मांस को बार-बार टेस्ट करना चाहिए ताकि रस को सुखाये बिना मांस के रंग में मदद मिलें। खाना पकाने का समय 15 मिनट प्रति 1 पोंड है। समय को टुकड़ो आकर के अनुसार adjust  किया जाता है। बड़े टुकड़ो को पकने में समय ज्यादा लगता है। यह कम तापमान पर लम्बे समय तक खाने को पकता है।

3. spit roasting –

यह एक लंबी, ठोस छड़ पर भूनने की एक शैली है जहां मांस को एक लंबी, ठोस छड़ पर तिरछा किया जाता है एक लंबी, ठोस छड़ जिसका उपयोग भोजन को पकड़ने के लिए किया जाता है, जबकि इसे आग पर या कैंपफायर पर पकाया जा रहा है इस पद्धति का उपयोग आम तौर पर मांस या पूरे जानवरों जैसे कि सूअर या टर्की के बड़े joints को पकाने के लिए किया जाता है ।

रोटेशन मांस को अपने रस में समान रूप से पकाता है। इसमें सीधा गर्मी में खाना पकता है, वसा के साथ भुना जाता है। रंग और खाने को सुनिश्चित करने के लिए छड़ को लगातार घुमाया जाता है।

 4. Tandoori roasting

तंदूर सेंट्रल एशिया की देन है कहा जाता है भारत में तंदूर की शुरुआत मुगलों के ज़माने से हुयी। सेंट्रल एशिया से मुगल ही तंदूर को भारत में लाये। माना जाता है जहांगीर ने सबसे पहले पोर्टेबल तंदूर की शुरुआत की सेंट्रल एशिया में तंदूर या तो जमीन के नीचे होता था या तो उसे किसी एक जगह में लगाया जाता था लेकिन जहांगीर ने एक चलते फिरते तंदूर की शुरुआत की तंदूर की ।

शेप मिटटी के बर्तन जैसी होती है लेकिन तंदूर का आकार बड़ा होता है। किसी भी खाद्य पदार्थ को तंदूर में पकने से पहले उसमे दो बार मेरिनेट किया जाता है। पहले मेरिनेशन में इसमें थोड़ा सा नमक, अदरक लहसुन का पेस्ट लगाया जाता है और कुछ घंटे छोड़ दिया जाता है। दूसरे मेरिनेशन के लिए इसमें दही का इस्तेमाल किया जाता है और इसमें मसाले और थोड़ा सरसो का तेल इस्तेमाल किया जाता है।

basic rules (बुनियादी नियम )-

  1. मांस,पोल्ट्री को Roast के लिए अच्छे पैन का इस्तेमाल करें।
  2. पेन को ज्यादा न भरे।
  3. ओवन ट्रे को सँभालते हुए सावधानी बरतनी चाहिए ताकि गर्म वसा के रिसाव को रोक सकें।
  4. निचले हिस्से को तलने से रोकने के लिए खाद्य पदार्थो को भुनने वाली ट्रे के निचे से उठाया जाना चाहिए।
  5. मांस को भुनने की प्रक्रिया में निकले रस को ग्रेवी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

7. Steaming (स्टीमिंग)

steaming (स्टीमिंग) क्या होती है ?

steaming (स्टीमिंग) खाना पकाने की एक विधि है जिसमें खाना भाप (steam) में पकाया जाता है। इस method में खाना directly पानी में नहीं रखा जाता, बल्कि उसे पानी के ऊपर रखा जाता है, जिससे भाप उसे गरम करके पकाता है। इस मेथड में किसी बर्तन में पानी को गर्म करके उसका भाप बनाया जाता है और उस भाप के ऊपर steamer या कोई ऐसा बर्तन जिसमे भाप आर-पार हो सके उसमे खाने को रखा जाता है और ऊपर से ढक दिया जाता है ताकि भाप बाहर न आये और खाना अच्छे से पक जाए।

steaming (स्टीमिंग) एक हल्के और स्वस्थ खाना पकाने का तरीक़ा है, क्योंकि इसमें खाने में तेल या फैट का इस्तेमाल नहीं होता और इससे पोषण तत्व और स्वाद बने रहते हैं। स्टीमिंग का उपयोग सब्जियों, मछली, मुर्गी, मोमोज़, इडली, ढोकला और कुछ मिठाई बनाने में होता है। इस तरीक़े से खाने के विटामिन और पोषण तत्व भी नुकसान नहीं पहुंचते, इसलिए यह अच्छा खाना बनाने का तरीक़ा माना जाता है।

cooking method - Steaming

Basic rule of steaming:

स्टीमिंग में खाना बनाने के लिए कुछ मूल नियम निम्नलिखित हैं:

  1. छोटे-छोटे भोजन को ही steaming (स्टीमिंग) से पकाना चाहिए क्योकि यह धीरे धीरे पकाता है। हरी सब्जियों को पकने के लिए यह विधि सही नहीं है।
  2. स्टीमर का उपयोग करें: एक अच्छी गुणवत्ता वाले स्टीमर का उपयोग करें या एक ऐसा स्टीमिंग बास्केट या रैक उपयोग करें जो पॉट में अच्छी तरह से फिट होता है। स्टीमर खाने को पानी के सीधे संपर्क के बिना भाप द्वारा खाने को पकाता है।
  3. पानी की अच्छी तरह से उबालें(boil), लेकिन पानी का स्तर खाने वाले ट्रे के नीचे होना चाहिए । steaming (स्टीमिंग) के दौरान खाने को पानी में नहीं डुबाना है।
  4. खाने को साफ करें और उसे बराबर आकार के टुकड़ों में काट लें। सही तैयारी से खाना समान रूप से पकाता है।
  5. steaming (स्टीमिंग) से पहले अपनी पसंदीदा हर्ब्स, मसाले, या मरिनेशन के साथ खाने को मिला लें। स्टीमिंग खाने के प्राकृतिक स्वाद को बढ़ाता है,
  6. खाने को steaming (स्टीमिंग) बास्केट या रैक पर एकल परत में व्यवस्थित करें। टुकड़ों के बीच कुछ जगह छोड़ें ताकि भाप उन्हें चारों ओर से सिर्कुलेट कर सके।
  7. पानी के साथ बास्केट रखने वाले पॉट को ढककर ढकें। इससे भाप खाने में बना रहता है और खाना अच्छी तरह से पकता है।
  8. steaming (स्टीमिंग) का समय खाने के प्रकार और आकार पर निर्भर करता है। नरम सब्जियां जल्दी से पक जाती हैं, जबकि बड़े टुकड़े कटे हुए मांस या मछली अधिक समय तक पक सकते हैं। आप अपने खाने के हिसाब से यह समय निर्धारित कर सकते हैं।
steam fish
steam fish

 

सब्जियां पकी या नहीं यह जाँच करने के लिए फोर्क का इस्तेमाल करें, जबकि मछली और चिकन को पकाते समय यह देखने के लिए की मांस पका या नहीं आप खाने के थर्मामीटर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे खाना सही तापमान पर पका है या नहीं, यह जांच किया जा सकता है।

 health benefits of steaming food (स्टीमिंग के 4 फायदे)

  1. वेट लॉस :
    स्टीम मेथड में खाना पकाने के लिए किसी भी प्रकार के तेल की आवश्यकता नहीं पड़ती। यह सिर्फ भाप से ही खाद्य पदार्थ को पका देता है। खाना पकाने के लिए कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल करने की तुलना में स्टीम करके पकाए गए खाने में फैट की मात्रा बहुत कम होती है। इसलिए यह वेट लॉस में एक अच्छा विकल्प माना जाता है।
  2. कोलेस्ट्रॉल :
    स्टीम मेथड से बने खाने का सेवन बॉडी में कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित रखता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्टीम मेथड में किसी प्रकार के तेल का प्रयोग नहीं होता। वहीं खाने को पूरी तरह से भाप देकर पकाया जाता है। हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए स्टीमिंग मेथड एक सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।
  3.  पाचन :
    स्टीम करके पकाए गए सब्जी और फल काफी ज्यादा मुलायम होते हैं, इन्हें आसानी से डाइजेस्ट किया जा सकता है। वहीं स्टीम मेथड से हमारे शरीर को सभी पोषक तत्व मूल्य रूप से प्राप्त होते हैं।
  4. विटामिन और मिनरल्स :
    खाना पकाने के पारंपरिक तरीके जैसे तलना या उबालना भोजन की पोषण गुणवत्ता को कम कर देता है। स्टीम मेथड सब्जियों में पाए जाने वाले आवश्यक विटामिन और मिनरल्स को बरकरार रखती है। वहीं भाप लेने से विटामिन बी, थायमिन, नियासिन और विटामिन सी जैसे कुछ विटामिनों की शक्ति और बढ़ जाती है। इसके साथ ही, पोटेशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस और जिंक जैसे कुछ मिनरल्स बने रहते हैं।

8. baking (बेकिंग)

baking (बेकिंग) एक खाना पकाने का तरीका है जिसमें खाना सूखी गर्मी के साथ ओवन में पकाया जाता है। बेकिंग प्रक्रिया के दौरान, ओवन की सूखी गर्मी खाने को घेरती है, जिससे वह पक जाता है और एक इच्छित बनावट और स्वाद विकसित करता है। यह एक लोकप्रिय विधि है जो केक, कुकीज़, ब्रेड, पेस्ट्री, पाई और और भी कई व्यंजनों को बनाने के लिए उपयोग की जाती है।

बेकिंग में आम तौर पर सामग्री जैसे आटा, चीनी, अंडे, मक्खन, खमीर के एजेंट (जैसे बेकिंग पाउडर या खमीर), और स्वाद देने वाले पदार्थों को मिलाकर बैटर या आटा को पकाने के लिए किया जाता है। इस बैटर या आटे को फिर प्रीहीट किए गए ओवन में रखा जाता है और एक निश्चित तापमान और समय के लिए पकाया जाता है।

cooking method - baking (बेकिंग)

how to bake (बेकिंग कैसे करते है) ?

  • सामग्री तैयार करें (Prepare the Ingredients) : सबसे पहले बेकिंग करने के लिए सामग्री तैयार करेंगे।
  • ओवन को प्री-हीट करें (Preheat the Oven) : ओवन को प्रीहीट करेंगे। इससे ओवन का तापमान समय के साथ सही रूप से स्थिर होता है।
  • समय और तापमान का पालन करें (Follow Time and Temperature) : अपनी रेसिपी में दिए गए समय और तापमान के अनुसार बेकिंग करें। अधिकतम तापमान पर बेकिंग करने से पदार्थ जल सकते हैं और कम तापमान पर पकने में समय लग सकता है।
  • पैन की तैयारी (Prepare the Pan) : बेकिंग करने के लिए उचित पैन चुनें। कुछ रेसिपीज़ में पैन को तेल लगाना आवश्यक होता है ताकि खाद्य सामग्री उससे छूटकर निकल सके।
  • बेकिंग ट्रे में रखें (Place in Baking Tray) : तैयार बेकिंग मिश्रण को उचित पैन में रखें और फिर उसे बेकिंग ट्रे में रखें। बेकिंग ट्रे ओवन के मध्य या उपरी भाग में रखें ताकि गरमी समान रूप से पदार्थ के साथ चल सके।
  • बेकिंग करें (Bake) : पैन को ओवन में रखें और सही समय और तापमान पर बेकिंग करें। बेकिंग प्रक्रिया के दौरान ओवन का दरवाजा बार-बार न खोलें ताकि गरमी न बाहर निकले और पदार्थ सही ढंग से पक सके।
  • पकाये गए पदार्थ को ठंडा होने दे (Let It Cool) : बेकिंग पूरी होने के बाद, पैन को ओवन से निकालें और पकाये गए पदार्थ को सीधा बाहर ना निकले उसे ठंडा होने दे।

cooking method - baking (बेकिंग)

 

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basic rules of baking :

बेकिंग (Baking) के तरीके को सिखने के लिए, निम्नलिखित मूल नियमों का पालन करें:

  1. खाने के लिए सही सामग्री का चयन करें और उन्हें सही अनुपात में मिश्रित करें।
  2. सामग्री को सही माप के साथ बनाएं ताकि वे सही तरीके से पकाए जा सकें।
  3. ओवन को प्रीहीट करें ताकि खाने को पकाने के दौरान सही तापमान मिल सके।ओवन को बेकिंग से पहले प्री-हीट करना बेहद जरूरी है।
  4. बर्तन की सतह को अच्छे से तैयार करें, जैसे कि केक में बटर पेपर और आयल लगाना, ताकि वह ओवन में अच्छी तरह से पके। और खाना बर्तन पर न चिपके।

cooking method - baking (बेकिंग)

ये नियम आपको बेकिंग के दौरान खाने को और सुन्दर और स्वादिष्ट बनाने में मदद कर सकते है ।

9. broiling (ब्रॉइलिंग)

broiling (ब्रॉइलिंग) एक पकाने का तरीका है इसे grilling के पर्यायवाची के रूप में जाना जाता है। इसमें खाने को भुना जाता है लेकिन खाना सीधे आंच के सम्पर्क में नहीं आता है बल्कि किसी माध्यम द्वारा खाना पकाया जाता है। इसमें खाने को ऊपर से उच्च तापमान वाले स्रोत (high temperature source) के सामने रखा जाता है। इसे आम तौर पर ओवन के ब्रॉइल सेटिंग का उपयोग करके किया जाता है या एक विशेष प्रकार के ब्रॉयलर पैन में किया जाता है। इस तरीके में खाने को ऊपर से उच्च तापमान वाले स्रोत (high temperature source) द्वारा तेज़ी से पकाया जाता है, जिससे खाने की सतह चमकदार और कुरकुरी बनती है।

broiling (ब्रॉइलिंग) खाने को जल्दी से पकाने का एक अच्छा और स्वादिष्ट तरीका है, जो खाने की सतह को एक चमकदार और कुरकुरी बना देता है। इसमें आमतौर पर मछली, स्टेक, चिकन, सब्जियां और फलों पकाया जाता है।

cooking method - Broiling (ब्रॉइलिंग)

basic rules of broiling :

broiling (ब्रॉयलिंग) के कुछ मूल नियम दिए गए हैं:

  1. ब्रॉयलिंग से पहले, अपने ओवन को सही तापमान पर प्रीहीट करें।
  2. ब्रॉयलिंग के लिए एक ब्रॉयलिंग पैन या बेकिंग शीट पर वायर रैक के साथ खाना रखें। यह वायर रैक खाने के आसपास हवा circulation को बेहतर बनाता है जिससे खाना सही रूप से पकता है।
  3. ब्रॉयलिंग बहुत तेजी से होता है और खाने पकाने का समय कम होता है, इसलिए आपको खाने को ध्यान से देखते रहना होगा। खाने को जलाने से बचाने के लिए आपको इसे बार-बार पलटने की भी जरूरत हो सकती है।
  4. ब्रॉयलिंग के दौरान, आप खाने को सॉस, मरिनेट, या पिघले मक्खन से चिपका सकते हैं जिससे उसमें स्वाद बढ़ेगा और वह नमीदार रहेगा।
  5. ब्रॉयलिंग करते समय, उच्च तापमान से सावधान रहें।

ये broiling (ब्रॉयलिंग) के बेसिक नियम हैं जो आपको खाने को स्वादिष्ट और आकर्षक बनाने में मदद करेंगे।

10. Stewing (स्टूइंग) –

Stewing (स्टूइंग) खाना पकाने की एक विधि है। स्टूइंग और braising दोनों विधियां मिलती-जुलती है। जिसमें आम तौर पर मांस, पोल्ट्री, मछली या सब्जियों जैसे तत्वों को  छोटे-छोटे, समान टुकड़ों में काटा जाता है और फिर एक पॉट या गहरे पैन में तरल पदार्थ और मसाले के साथ रखा जाता है। इस पॉट को ढंककर  मध्यम आंच पर धीरे से पकाया जाता है जिससे भोजन धीरे-धीरे पकने लगता है।

cooking method - stewing

स्टूइंग से खाने पकाने से खाना नरम और रसीला हो जाता है। यह विधि heavy joint पकाने के लिए सही रहती है। जिन मांस के टुकड़ो को आप फ्राई या रोस्ट नहीं कर सकते उन्हें इस विधि द्वारा आसानी से पकाया जा सकता है। यह विधि मांस के कठोर टुकड़ो को कोमल बनाती है और स्वादिष्ट बनाती है।

Basic rules of Stewing (स्टूइंग) :

Stewing (स्टूइंग) के मूल नियम निम्लिखित है :

  1. Stewing करने के लिए, भोजन को छोटे और समान टुकड़ों में काटने की आवश्यकता होती है ताकि वे अच्छे से पकें और स्वादिष्ट बनें।
  2. Stewing के लिए, तरल पदार्थ जैसे पानी, ब्रॉथ, स्टॉक, या वाइन का उपयोग करना होगा। यह भोजन को नरम और रसीला बनाता है और एक स्वादिष्ट सूप या ग्रेवी तैयार करता है।
  3. Stewing के दौरान, धीमी आंच पर खाने को पकाना होता है जिससे भोजन धीरे-धीरे पकने लगता है। इससे भोजन नरम और स्वादिष्ट बनता है।
  4. Stewing करते समय, पॉट को ढककर रखें ताकि पानी या तरल पदार्थ उबलें न।
  5. प्रत्येक भोजन के पकने का समय अलग-अलग होता है। बीफ या मटन जैसे मांस को अधिक समय तक पकाना होता है जबकि सब्जियां या मछली कम समय में तैयार हो जाती हैं। इसलिए भोजन को पकाने के लिए सही समय का ध्यान रखें।
  6. Stewing पूर्ण होने पर, गरमागरम ब्राउन ब्रेड, चावल या रोटी के साथ स्वादिष्ट स्ट्यू बर्तन में परोसें।

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