Frying (तलना) खाना पकने की एक विधि है जिसमे खाने को गर्म तेल या वसा के साथ पकाया जाता है यह खाने को स्वादिष्ट और रंग देता है। भोजन को तलने के लिए उसे पर्याप्त उच्च तपमान पर तेल या वसा में डुबोया जाता है।
frying का उपयोग खाने को crisp, crunchy टेक्सचर देने के लिए किया जाता है तलने से नरम और कोमल खाद्य पदार्थो का स्वाद बढ़ जाता है क्योंकि तलने से इनमे एक कुरकुरी बनावट बन जाती है। तलना, भुनने के सामान ही भोजन को दो बार पलट कर पकाया जाता है। तलने से भोजन जल्दी पक जाता है।
frying कितने प्रकार की होती है? (types of frying)
मुख्यत frying दो प्रकार का होता है –
- deep frying (गहरा तलना)
- shallow frying (उथला तलना )
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1. deep fry (गहरा तलना ) –
यह तलने का त्वरित तरीका है और भारतीय व्यंजनों यह एक लोकप्रिय तरीका है। डीप फ्राइंग में भोजन को पूर्ण रूप से वसा या तेल में डुबोया जाता है। deep -fryer के लिए होल्डिंग तापमान रेंज 90°C-110°C है। चूँकि भोजन को गरम तेल में डुबोया जाता है इसलिए यह आवश्यक है की तेल अच्छी quality का हो, फ्राइंग पेन में पर्याप्त गहराई होनी चाहिए। तले जाने वाले भोजन का साइज और शेप एकसमान होना चाहिए।
deep frying से भोजन की कैलोरी और वसा की मात्रा बढ़ जाती है इसलिए जो व्यक्ति किसी बीमारी का शिकार है उसके लिए इसे खाना चिंता का विषय है लेकिन स्वस्थ व्यक्ति को चिंता करने की जरुरत नहीं है कभी कभी फ्राइंग खाने से कोई समस्या नहीं है। कुछ तले हुए खाद्य पदार्थ – चिकन और मटन कटलेट, पकौड़े, कचौरी, समोसे, मच्छी के पकोड़े आदि।
2. shallow fry (उथला तलना )-
shallow frying में भोजन को पैन में फ्राई किया जाता है। इसमें भोजन को कम मात्रा में वसा या तेल में पकाया जाता है। यह आमतौर पर यह विधि मछली, मांस और पोल्ट्री जैसी अच्छी गुणवत्ता वाली वस्तुओं को तलने के लिए प्रयोग की जाती है। presentation side को हमेशा पहले तलना चाहिए और फिर पलट देना चाहिए दोनों सतह सामान रूप से तलकर भूरे रंग केहोने चाहिए।
इस विधि में तेल या वसा का इस्तेमाल एक ही बार होता है bacon और sausages के लिए shallow frying में वसा या तेल का बहुत कम उपयोग किया जाता है क्योंकि इसमें पहले से ही वसा होता है, इसलिए अतिरिक्त वसा न डालें। शोलो फ्राई हुए पदार्थ – मछली केक, मेडेलन अंडे, परांठे, डोसा, चीला, आलू की टिक्की आदि हैं।
basic rules of frying
- वसा इतना गर्म होना चाहिए की वह वस्तुओं के outside को seal कर दे। यह भोजन को किसी भी वसा अवशोषित करने और स्वाद के किसी भी नुकसान से रोकता है। इस नियम का अपवाद dauphine, Chamonix आलू को तलने के लिए है जिसके लिए तपमान 145 डिग्री सेल्सियस है ताकि खाना बनाते समय आकार में धीमी गति से विस्तार हो सके। तलने का तापमान 160डिग्री सेल्सियस से 195 डिग्री सेल्सियस तक भिन्न होता है।
- आलू को छोड़कर बाकि सभी चीज़ो में फ्राई करने से पहले बाहर से अंडा , मैदा या bread crumbs से cover किया जाता है। यह जूस को बाहर आने से रोकता है।
- जो भी आप फ्राई कर रहे है उसे एक साथ बहुत ज्यादा तेल में नहीं डालनी चाहिए इससे तेल का तापमान कम हो जाता है जिससे जो भी आप फ्राई कर रहे है वो गीली हो जाएँगी या टूट जाती है।
- तली हुयी चीज़ो का एकसमान भूरा या सुनहरा रंग होना चाहिए।
- तलने के बाद अच्छे से छान लेना चाहिए और छानकर एक बार नैपकिन पर रखें।
- तलने के बाद तेल को छानकर ठंडी जगह पर रखें।
- तलने के लिए इस्तेमाल किये गए तेल को दुबारा उपयोग में लाने के लिए 1:2 नया ताज़ा तेल का उपयोग करें।
- तली हुयी वस्तुओं में सामान रंग और एकसमान तापमान के लिए तलने वाली frying basket का उपयोग करें।
FAQ
1. Deep Frying का तापमान कितना होता है ?
Ans. Deep Frying का तापमान 160 डिग्री सेल्सियस से 195 डिग्री सेल्सियस होता है।
2. तलना क्या है ?
Ans. तलना गर्म तेल में खाना पकाने की विधि है।