Roasting खाना पकने की एक बहुत पुरानी विधि है Roasting वास्तव में मीट के बड़े टुकड़ो को पकने के लिए उपयोग की जाती है Roasting में सुखी गर्मी में खाना पकाया जाता है जहाँ गर्म हवा भोजन को घेर लेती है Roasting की विधि मूल रूप से मांस के बड़े टुकड़ो को पकने के लिए शुरू की गयी थी। Roasting का उपयोग भोजन के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है क्युकी Roasting से भोजन की सतह पर केरामेलाइजेशन और ब्राउनिंग होती है जिससे डिश का स्वाद बढ़ जाता है।
प्राचीन समय में जब मानव मांस खाना शुरू किया था तो बर्तन तो रहते नहीं थे तो वह मांस को सीधे आग में डालकर भूनकर खाने लगा। भुनने से भोजन का स्वाद, सुगन्ध और रंग बहुत ही अच्छा होता है। Roasting विधि में मांस के टुकड़ो या सब्जियों आदि को खुली लौ में रख कर या पैन में ढककर धीरे-धीरे पकाया जाता है जब तक वह पूरी तरह से भूरा नहीं हो जाता। यह विधि मांस को पकने के लिए सही मानी गयी है लेकिन इसमें सब्जियों और मछली को भी पकाया जा सकता है।
type of roasting भुनने की विधियां जो प्रचलित है –
1. pot roasting
2. oven roasting
3. spit roasting
4. tandoori roasting
1. pot roasting –
पॉट Roasting में खाने को बर्तन में ढककर या पैन में रखकर Roast किया जाता है। इसमें केवल अच्छी गुणवत्ता वाले मांस का ही प्रयोग करना चाहिए। छोटे टुकड़ो और birds का ही इस्तेमाल करना चाहिए। आकर बनाये रखने के लिए मांस या bird को बंधा जाता है। मांस को चिपकने से रोकने के लिए उसे मोटे तल वाले बर्तन में रखा जाता है। वसा से पैन के तल को ढंकना चाहिए बर्तन को अच्छे से ढक लें और धीमी आंच पर पकाये।
इसमें खाना पकने के ठीक पहले ढक्कन को हटा दिया जाता है ताकि भाप निकल जाये और सुखी गर्मी खाने को रंग दे। मीट को निकालने के बाद जो उसमे तरल बच जाता है उसमे स्टॉक डालें ताकि सुगन्धित सब्जियों का स्वाद मिल जाए और साथ में आने वाली चटनी या ग्रेवी का आधार बन जाए, जिसे jus (जूस) कहा जाता है।
2. oven roasting –
ओवन Roasting विधि खाना पकाने की सरल विधि माना गया है। इस विधि में वसा और प्रथम श्रेणी के मांस की सहायता से ओवन में Roasting ट्रे में खाना बनाना है। आकर बनाये रखने के लिए कच्चे मांस को काटकर बांध दिया जाता है इसे गर्म वसा में डाला जाता है और भूरा किया जाता है। बाद में नमक छिड़का जाता है।
मांस को बार-बार टेस्ट करना चाहिए ताकि रस को सुखाये बिना मांस के रंग में मदद मिलें। खाना पकाने का समय 15 मिनट प्रति 1 पोंड है। समय को टुकड़ो आकर के अनुसार adjust किया जाता है। बड़े टुकड़ो को पकने में समय ज्यादा लगता है। यह कम तापमान पर लम्बे समय तक खाने को पकता है।
3. spit roasting –
यह एक लंबी, ठोस छड़ पर भूनने की एक शैली है जहां मांस को एक लंबी, ठोस छड़ पर तिरछा किया जाता है एक लंबी, ठोस छड़ जिसका उपयोग भोजन को पकड़ने के लिए किया जाता है, जबकि इसे आग पर या कैंपफायर पर पकाया जा रहा है इस पद्धति का उपयोग आम तौर पर मांस या पूरे जानवरों जैसे कि सूअर या टर्की के बड़े joints को पकाने के लिए किया जाता है ।
रोटेशन मांस को अपने रस में समान रूप से पकाता है। इसमें सीधा गर्मी में खाना पकता है, वसा के साथ भुना जाता है। रंग और खाने को सुनिश्चित करने के लिए छड़ को लगातार घुमाया जाता है।
4. Tandoori roasting
तंदूर सेंट्रल एशिया की देन है कहा जाता है भारत में तंदूर की शुरुआत मुगलों के ज़माने से हुयी। सेंट्रल एशिया से मुगल ही तंदूर को भारत में लाये। माना जाता है जहांगीर ने सबसे पहले पोर्टेबल तंदूर की शुरुआत की सेंट्रल एशिया में तंदूर या तो जमीन के नीचे होता था या तो उसे किसी एक जगह में लगाया जाता था लेकिन जहांगीर ने एक चलते फिरते तंदूर की शुरुआत की
। तंदूर की शेप मिटटी के बर्तन जैसी होती है लेकिन तंदूर का आकार बड़ा होता है। किसी भी खाद्य पदार्थ को तंदूर में पकने से पहले उसमे दो बार मेरिनेट किया जाता है। पहले मेरिनेशन में इसमें थोड़ा सा नमक, अदरक लहसुन का पेस्ट लगाया जाता है और कुछ घंटे छोड़ दिया जाता है। दूसरे मेरिनेशन के लिए इसमें दही का इस्तेमाल किया जाता है और इसमें मसाले और थोड़ा सरसो का तेल इस्तेमाल किया जाता है।
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basic rules (बुनियादी नियम )-
- मांस,पोल्ट्री को Roast के लिए अच्छे पैन का इस्तेमाल करें।
- पेन को ज्यादा न भरे।
- ओवन ट्रे को सँभालते हुए सावधानी बरतनी चाहिए ताकि गर्म वसा के रिसाव को रोक सकें।
- निचले हिस्से को तलने से रोकने के लिए खाद्य पदार्थो को भुनने वाली ट्रे के निचे से उठाया जाना चाहिए।
- मांस को भुनने की प्रक्रिया में निकले रस को ग्रेवी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।